हिंदुत्व गठजोड़ से मुकाबले के लिए एकजुट हो जन पक्षधर ताकतें :अखिलेन्द्र
लखनऊ। सुपररिच की संपत्ति पर समुचित टैक्स लगाने, शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार की गारंटी करने, सरकारी विभागों में खाली पदों को भरने और हर नागरिक के सम्मानजनक जीवन के संवैधानिक अधिकार को सुनिश्चित करने के सवालों पर उत्तर प्रदेश में रोजगार अधिकार अभियान संवाद की शुरुआत की गई है। इस बात की घोषणा कल वाराणसी के शास्त्री घाट पर सर्व सेवा संघ के 100 दिन के धरने के समापन के अवसर पर आयोजित सभा में ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के संस्थापक सदस्य अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने की।
कहा कि इन सवालों के साथ गांधी विचारों के केंद्र सर्व सेवा संघ की वाराणसी के राजघाट पर स्थित स्मारक, पुस्तकालय, हाल और सम्पत्ति आदि को भाजपा-आरएसएस सरकार द्वारा तहस-नहस करने के सवाल को भी मजबूती से उठाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आज कॉर्पोरेट-हिंदुत्व गठबंधन ने जिस तरह का हमला लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं पर करना शुरू किया है और देश की सम्पदा की लूट हो रही, सामाजिक वैमनस्य को बढ़ाया जा रहा है।
ऐसी स्थिति में इसके मुकाबले के लिए गांधीवादी, अंबेडकरवादी, कम्युनिस्ट और समाजवादी विचारों को पुनर्परिभाषित करना बेहद जरूरी है। उन्होंने अपील की कि आज जरूरत देश की आर्थिक संप्रभुता और लोकतंत्र को बचाने की है, इसके लिए सभी ताकतों को एक राजनीतिक मंच में एकताबध्द होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कोरिया की नकल करते हुए भारत में भी मोदी सरकार चंद कॉर्पोरेट घरानों के हाथ में देश की ज्यादातर संपत्ति और संपदा को देने में लगी हुई है। सरकार के सहयोग से पचास हजार करोड़ रुपए की संपत्ति का मालिक गौतम अडानी आज 15 लाख करोड़ की संपत्ति का मालिक बन बैठा है।
दरअसल देश की सार्वजनिक और प्राकृतिक संपदा को कौडियों के मोल देकर और लोगों के बैंकों में जमा धन को सौंपकर मोदी सरकार ने उसे मालामाल किया है।उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे पूंजी का संकेंद्रन बढ़ता जा रहा है।
लोकतंत्र का दायरा सिमटता जा रहा है। आनंद तेलतुंबडे जैसे दलित आंदोलन के अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विचारक को कई सालों तक फर्जी मुकदमें जेल में बंद रखा गया और आज भी उन्हें थाने में जाकर हाजिरी देनी पड़ रही है।
उन्होंने कहा कि रोजगार अधिकार अभियान की राष्ट्रीय सलाहकार समिति की बैठक में प्रख्यात अर्थशास्त्री प्रोफेसर प्रभात पटनायक और प्रोफेसर अरुण कुमार ने आंकड़ों के साथ यह बताया कि यदि देश के एक प्रतिशत सुपररिच की संपत्ति पर महज दो प्रतिशत संपत्ति कर लगाया जाए।
तो इतने संसाधन उपलब्ध होंगे कि भारत के हर नागरिक को मुफ्त व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा-स्वास्थ्य, रोजगार, भोजन और सम्मानजनक पेंशन के अधिकार की गारंटी की जा सकती है। साथ ही किसानों के लिए एमएसपी, पुरानी पेंशन बहाली और सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकता है।
रोजगार अधिकार अभियान के चार मुद्दों को लेकर पूरे पूर्वांचल में सघन अभियान चलाया जाएगा जिसमें गांधी विचारों के साथ-साथ गांधी विचारों के केंद्र सर्व सेवा संघ की संपत्ति पर हमले को भी प्रमुख मुद्दा बनाया जाएगा।