हिसार हवाई अड्डे को अभी तक एयरोड्रम लाइसेंस ही जारी नहीं किया: कुमारी सैलजा


👉 कहा-एक दशक से हिसार एयरपोर्ट के बारे में झूठे बयान देकर जनता को गुमराह कर रही है सरकार

लखनऊ/हरियाणा/हिसार : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार का यह दावा कि हिसार एयरपोर्ट जल्द ही चालू हो जाएगा और एलायंस एयर द्वारा उड़ानें संचालित की जाएंगी पूरी तरह से झूठा है क्योंकि एक सवाल के जवाब में हिसार एयरपोर्ट की स्थिति स्पष्ट करते हुए मंत्री ने कहा कि नियामकीय देरी के कारण एयरपोर्ट को अभी तक आवश्यक एयरोड्रम लाइसेंस नहीं मिला है। सरकार इस प्रकार झूठ बोलकर प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही है।

सांसद कुमारी सैलजा ने हिसार हवाई अड्डों और वायु सेना केंद्रों से यात्री विमान सेवा शुरू करने को लेकर नागरिक उड्डयन मंत्रालय को कुछ सवाल भेजे थे, जिनमें जवाब में कहा गया है कि भारतीय वायुसेना के हवाई अड्डों पर चालू सिविल एन्क्लेव की कुल संख्या 28 है।

हरियाणा में सिरसा हवाई अड्डा भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के स्वामित्व में है और क्षेत्रीय संपर्क योजना- उड़े देश का आम नागरिक (आरसीएस-उड़ान) दस्तावेज में अप्रयुक्त हवाई अड्डों की अस्थायी सूची में उपलब्ध है।

बोली के पांच दौर पूरे होने तक किसी भी एयरलाइन बोलीदाता ने सिरसा से आरसीएस उड़ानें संचालित करने का प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किया है। अंबाला हवाई अड्डा भारतीय वायुसेना के स्वामित्व में है।

आरसीएस (उड़ान) के तहत तीसरे दौर की बोली के दौरान, अंबाला हवाई अड्डे की पहचान आरसीएस उड़ानों के विकास और संचालन के लिए की गई थी। सिविल एन्क्लेव का विकास किया गया है और सुरक्षा मंजूरी और दस्तावेजीकरण वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा संसाधित किया जा रहा है।

उड़ानों की शुरुआत हवाई अड्डे की तैयारी के अधीन है। तो हिसार हवाई अड्डे को लेकर जवाब दिया गया कि लंबित विनियामक आवश्यकताओं के कारण हिसार हवाई अड्डे को अभी तक एयरोड्रम लाइसेंस जारी नहीं किया गया है।

सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा में हवाई अड्डों के संचालन में देरी पर निराशा व्यक्त की है और राज्य में नागरिक विमानन परियोजनाओं के प्रति केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाया है।

उन्होंने कहा कि नागरिक विमानन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल के जवाब में प्रगति में कई कमियों को उजागर किया गया। मंत्री के अनुसार, सिरसा एयरफोर्स स्टेशन को क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस-उड़ान) के तहत एक असेवित हवाई अड्डे के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।

हालांकि, बोली के पांच दौर इस स्थान से परिचालन करने के लिए इच्छुक एयरलाइनों को आकर्षित करने में विफल रहे हैं। इसी तरह, बोली के तीसरे दौर के तहत अंबाला एयरफोर्स स्टेशन को नागरिक उड़ानों के लिए चुना गया था।

जबकि अंबाला में एक सिविल एन्क्लेव विकसित किया गया है, लेकिन अधूरे दस्तावेज और सुरक्षा मंजूरी के कारण परिचालन लंबित है।

हिसार एयरपोर्ट की स्थिति भी स्पष्ट की गई, जिसमें मंत्री ने कहा कि नियामकीय देरी के कारण एयरपोर्ट को अभी तक आवश्यक एयरोड्रम लाइसेंस नहीं मिला है।

यह बयान हाल की मीडिया रिपोर्टों का खंडन करता है, जिसमें कहा गया है कि हिसार एयरपोर्ट जल्द ही चालू हो जाएगा और एलायंस एयर द्वारा उड़ानें संचालित की जाएंगी।

इन देरी ने हरियाणा सरकार के दावों पर संदेह पैदा कर दिया है, जिसने घोषणा की थी कि हिसार जल्द ही राज्य का पहला चालू एयरपोर्ट बन जाएगा। सैैलजा ने सरकार के जवाब को भ्रामक बताया और इसकी प्रगति की कमी की आलोचना की।

उन्होंने बताया कि देश भर में 28 वायु सेना स्टेशन पहले से ही नागरिक उड्डयन की सुविधा दे रहे हैं, लेकिन सिरसा और अंबाला अपनी क्षमता के बावजूद कम उपयोग में हैं।

सैलजा ने सरकार पर एक दशक से अधिक समय से हिसार एयरपोर्ट के बारे में झूठे वादे करने और बार-बार अधूरे आश्वासनों से निवासियों को निराश करने का भी आरोप लगाया। सैलजा ने मांग की कि सिरसा वायु सेना स्टेशन पर नागरिक उड्डयन संचालन को तुरंत मंजूरी दी जाए।

स्टेशन पर लगातार वीआईपी की आवाजाही पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने तर्क दिया कि सार्वजनिक उड़ानों के लिए काउंटर स्थापित करना व्यवहार्य और आवश्यक दोनों है।

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