गन्ने का मूल्य 450 रुपए कुंतल अविलंब घोषित करे सरकार :भाकियू


लखनऊ। भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के प्रतिनिधिमंडल ने गन्ना मूल्य घोषित किए जाने की को लेकर भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के प्रदेश अध्यक्ष हरिनाम सिंह वर्मा,राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक, युवा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी दिगंबर सिंह ने वीणा कुमारी से उनके कार्यालय बापू भवन पर मुलाकात कर जल्द से जल्द गन्ना मूल्य 450 रुपए कुंतल घोषित किए जाने एवं बकाया गन्ना भुगतान किए जाने की मांग करते हुए कहा कि बराबर के राज्य हरियाणा पंजाब में गन्ने का मूल्य घोषित किया जा चुका है। उत्तर प्रदेश में गन्ना मूल्य घोषित न किए जाने से किसानों को नुकसान हो रहा है किसान इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति में है कि उन्हें उनकी फसल  का मूल्य क्या मिलेगा?
भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक ने इस संबंध में एक मांग पत्र प्रमुख सचिव गन्ना एवं चीनी उद्योग को दिया।
                                प्रमुख सचिव को दिए गए ज्ञापन में कहा कि
गन्ना पेराई सत्र 2024-25 हेतु गन्ना मूल्य में वृद्धि कर 450 रु क्विंटल राज्य परामर्शी मूल्य अविलंब तय किए जाएं। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना पेराई सत्र 2024-25 के गन्ना मूल्य का निर्धारण अभी तक नही किया गया है।

किसान मूल्य घोषित न होने के कारण असमंजस की स्थिति में है। किसानो की उत्पादन लागत में वृद्धि एवं उत्पादन में कमी आई है
गन्ना मूल्य घोषित न होने के कारण शुगर मिलो में प्रतिस्पर्धा नही हो पा रही है।

राज्य परामर्शी मूल्य तय करने वाले पंजाब, हरियाणा भी अपना मूल्य कर चुके है
उत्तर प्रदेश का गन्ना किसान गन्ने का मूल्य 450 रु क्विंटल किए जाने की मांग कर रहा है।
उत्तर प्रदेश में 28.5 लाख हैक्टेयर भूमि में गन्ने की खेती की जाती है जिसमे पिछले सत्र में लगभग 24 करोड़ कुंतल गन्ना चीनी मिलों को आपूर्ति किया गया है ।

यदि 2022- 23 के सत्र में उत्तर प्रदेश में पंजाब के बराबर भाव मिलता तो किसानों को 720 करोड़ रूपए ज्यादा मिलते । यदि हरियाणा के बराबर भाव मिलता तो 528 करोड़ रूपए ज्यादा मिलते।
यदि पिछले दो सत्रों की बात की जाए तो हरियाणा के किसानों के बराबर गन्ना मूल्य उत्तर प्रदेश के किसानों को मिलता तो 816 करोड़ रूपए ज्यादा मिलते।

यदि पंजाब के आधार पर देखा जाए तो पिछले दो सत्रों में उत्तर प्रदेश के किसानों को 960 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।यदि गन्ना उपज पिछले वर्ष जितनी ही मान ले तो पिछले तीन वर्षो में हरियाणा के मुकाबले उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को 1200 करोड़ रूपए कम मिलेंगे । पंजाब के भाव से तुलना की जाए तो तीन वर्षो में उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को 1464 करोड़ रूपए का सीधा सीधा नुकसान हुआ है ।
भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक उत्तर प्रदेश सरकार से मांग करती है कि गन्ने का राज्य परामर्शी मूल्य 450 रुपए कुंतल अविलंब घोषित किया जाए।
              

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