सीजेआई सहित जजों द्वारा जज आचार संहिता के उल्लंघन पर विरोध प्रदर्शन

सीजेआई डॉ डी वाई चंद्रचूड़ सहित कई सुप्रीम कोर्ट जजों द्वारा जजों के लिए बनाए गए आचार संहिता का बार-बार व्यापक उल्लंघन किए जाने के विरोध में आजाद अधिकार सेना परसों 19 सितंबर (गुरुवार) को सभी जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति को ज्ञापन देगी.

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने कहा कि 7 मई 1997 को सुप्रीम कोर्ट की फूल कोर्ट बैठक में जजों के आचरण के संबंध में “रीस्टेटमेंट आफ वैल्यूज इन जुडिशल लाइफ” नाम से 16 बिंदुओं पर एक आचार संहिता बनाई गई.

इस आचार संहिता के विपरीत जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ कई बार इसमें अंकित बिंदु संख्या 6, 8 और 9, अर्थात जजों द्वारा अपने पद की गरिमा के अनुरूप एक सम्यक दूरी बनाए रखने, अपनी बात मात्र निर्णय के माध्यम से कहने तथा मीडिया को इंटरव्यू नहीं देने, पब्लिक डिबेट में प्रतिभाग नहीं करने आदि का उल्लंघन करते दिखे.

इससे पूर्व भी कई सुप्रीम कोर्ट जजों द्वारा इन आचार संहिता का उल्लंघन दिखा, जिसमें विशेष कर जस्टिस रंजन गोगोई सहित चार जजों द्वारा मीडिया के सामने आकर तत्कालीन चीफ जस्टिस के खिलाफ दिए गए वक्तव्य शामिल है.

उन्होंने कहा कि यदि स्वयं सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और अन्य जजों द्वारा जजों के लिए निर्धारित आचार संहिता का उल्लंघन किया जाएगा तो इसका पूरे न्यायपालिका पर गहरा प्रभाव पड़ेगा तथा इसके स्वत: ही अत्यंत ही गंभीर दुष्परिणाम होंगे.

अतः आजाद अधिकार सेना जजों द्वारा आचार संहिता का पूर्ण पालन किए जाने तथा लोगों में न्यायपालिका के प्रति विश्वास को बरकरार रखने के लिए वरिष्ठ जजों द्वारा इस प्रकार आचार संहिता का उल्लंघन किए जाने के संबंध में परसों 19 सितंबर 2024 को प्रत्येक जिला मुख्यालय पर अपना विरोध प्रदर्शन करते हुए भारत के राष्ट्रपति को एक प्रतिवेदन देगी, जिसमें राष्ट्रपति से सुप्रीम कोर्ट जज सहित प्रत्येक जज को जजों के लिए निर्धारित आचार संहिता का पूर्ण पालन किए जाने के समुचित निर्देश निर्गत किए जाने की मांग की जाएगी.

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