👉 मेला क्षेत्र के समस्त स्थानों पर निर्बाध विद्युत आपूर्ति हेतु वैकल्पिक स्रोत उपलब्ध
लखनऊ :उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी, 2025 से प्रारम्भ हो रहे आस्था व संस्कृति के प्रतीक महापर्व महाकुम्भ-2025 में मेला क्षेत्र एवं शहर में निर्बाध व गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ऊर्जा विभाग द्वारा व्यापक तैयारी की गई है।
महाकुम्भ पर्व के सफल आयोजन हेतु मेला क्षेत्र में 182 किमी. एचटी लाइन का निर्माण, 1405 किमी. एलटी लाइन का निर्माण, 11/0.4 केवी 400 केवीए के 170 नग परिवर्तक का निर्माण, 11/0.4 केवी 250 केवीए के 14 नग परिवर्तक का निर्माण, 11/0.4 केवी 100 केवीए के 128 नग परिवर्तक का निर्माण, पान्टून ब्रिज पर विद्युतीकरण एवं एलईडी स्थापना का कार्य, 67,026 एलईडी स्ट्रीट लाइट की स्थापना, 4,25,000 नग कैम्प कनेक्शन तथा 2000 नग हाइब्रिड सोलर लाइट लगाने के कार्य कराये जा रहे हैं।
ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा ने बताया कि इस बार महाकुम्भ के दौरान सम्पूर्ण मेला क्षेत्र श्रद्धालुओं व पर्यटकों के लिए दूधिया रोशनी से जगमग रहेगा। गुणवत्तापूर्ण व अनवरत विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराने हेतु समस्त स्थानों पर वैकल्पिक स्रोत भी सुनिश्चित किये गये हैं।
विद्युत आपूर्ति विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित 07 नग पारेषण उपकेन्द्रों एवं 14 नग 33/11 केवी उपकेन्द्रों के द्वारा की जायेगी। साथ ही महत्वपूर्ण स्रोतों पर स्वचलित आरएमयू की स्थापना की गई है, जिससे कि विद्युत व्यवधान की दशा में मात्र 30 सेकेण्ड में विद्युत आपूर्ति सामान्य की जा सके। इसके अतिरिक्त स्ट्रीट लाइट हेतु वैकल्पिक स्रोत के रूप में महत्वपूर्ण 11/0.4 केवी परिवर्तकों पर डीजी सेट की स्थापना की गई है।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि महाकुम्भ में करोड़ों श्रद्धालुओं एवं आगुन्तकों की सुरक्षा के दृष्टिगत मेला क्षेत्र में समस्त एचटी और एलटी लाइनों की गार्डिंग एवं एचटी व एलटी पोल की अर्थिंग कराई गयी है। सभी प्रकार के संयोजन उचित क्षमता के एमसीवी के साथ निर्गत किये जा रहे हैं।
इसके अतिरिक्त कैम्प में कंड्यूक्ट पाइप के माध्यम से ही वायरिंग कराई जा रही है, जिससे कि किसी भी प्रकार की शार्ट सर्किट के कारण आग लगने की घटना पर रोक लगाई जा सके। साथ ही विद्युत सुरक्षा संबंधी सावधानियों के दिशा-निर्देश हेतु साइनेज लगाये गये हैं और पम्पलेट का भी वितरण कराया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस बार महाकुम्भ में नवीन प्रयोग के रूप में हाईब्रिड सोलर स्ट्रीट लाइट का प्रयोग किया जा रहा है, जिससे कि ऊर्जा की खपत में कमी लायी जा सके। इसके अतिरिक्त आधारभूत संरचना संबंधी कार्यों को ससमय पूर्ण करने हेतु विद्युत तंत्र उपलब्ध न होने वाले स्थानों पर डीजी सेट से ऊर्जीकृत हाई मास्ट लाइट का प्रयोग किया जा रहा है।
महाकुम्भ के दौरान मेला क्षेत्र के साथ-साथ प्रयागराज के शहरी क्षेत्र की निर्बाध विद्युत आपूर्ति हेतु स्थायी कार्यों के अन्तर्गत 1067.87 लाख रुपये की लागत से 2×10 एमवीए क्षमता का 33/11 केवी न्यू बेली उपकेन्द्र का निर्माण किया गया, जिससे म्योहॉल एवं बेली क्षेत्र के लगभग 15,000 आबादी को निर्वाध विद्युत आपूर्ति मिलेगी। शहर के अति महत्वपूर्ण उपकेन्द्रों हेतु कुल 4 नग लिंक 33 केवी लाइन का निर्माण, अतिभारित परिवर्तकों के स्थान पर विभिन्न क्षमता के 98 नग 11/0.4 केवी वितरण परिवर्तकों की स्थापना की गयी है।
इसके अतिरिक्त अखाड़ों की पेशवाई के रास्ते में आने वाले लाइनों एवं 36 नग परिवर्तकों को प्लिंथ से हटाकर 75 नग 250 केवीए परिवर्तकों की स्थापना तथा पेशवाई एवं मेला के महत्वपूर्ण मार्गों के पोल की पेन्टिंग, एबी केबलिंग इत्यादि कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं।
इसी प्रकार मेला क्षेत्र के पूर्वी भाग में विद्युत व्यवस्था सुदृढ़ीकरण के दृष्टिगत 4029.54 लाख रुपये की लागत से 2×40 एमवीए क्षमता के नव निर्मित 132/33 केवी हेतापट्टी उपकेन्द्र का निर्माण किया गया, जिससे झॅूसी क्षेत्र के लगभग 02 लाख आबादी को निर्वाध विद्युत आपूर्ति मिलेगी। साथ ही इस पारेषण उपकेन्द्र से निर्गत नयी 33 केवी लाइनों के निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, जिससे कि प्रयागराज शहर एवं मेला क्षेत्र में निर्बाध आपूर्ति की जा सकेगी।
इसी प्रकार प्रयागराज के शहरी क्षेत्र में निर्वाध विद्युत आपूर्ति हेतु 1438.57 लाख रुपये की लागत से 250 केवीए के 66 नये परिवर्तक लगाये गये एवं 250 केवीए के 32 परिवर्तकों की क्षमता वृद्धि की गई। शहर के प्रमुख मार्गों एवं मेला क्षेत्र परेड में स्थित 10 किमी. तक की शिरोपरि विद्युत लाइनों को 2249.07 लाख रुपये की लागत से भूमिगत किया गया। शहर के प्रमुख केन्द्रों की आपूर्ति सुदृढ़ करने हेतु 1375.45 लाख रुपये की लागत से 25 किमी. तक की इण्टरलिंक लाइन के निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य किया गया। इसी प्रकार 310.99 लाख रुपये की लागत से 33/11केवी उपकेन्द्र पर 33 केवी के स्वचालित आरएमयू स्थापित किये गये।