लखनऊ। एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष व अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने केंद्र सरकार द्वारा एनपीएस के स्थान पर यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) शिक्षक, कर्मचारियों हेतु कैबिनेट द्वारा जो प्रस्ताव लाया गया है उस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है , की सरकार शिक्षक/कर्मचारियों को एनपीएस और यूपीएस के नाम पर गुमराह कर रही है। यह व्यवस्था तो और भी खतरनाक साबित होगी । इसके माध्यम से सरकार शिक्षक ,कर्मचारियों का शोषण और पूंजीपतियों को लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से कर रही है। हमारा आंदोलन इस प्रकार की व्यवस्था के खिलाफ है ।
अटेवा का संहर्ष हूबहू पुरानी पेंशन के लिए है। देश भर का शिक्षक और कर्मचारी खड़ा है उसे केवल और केवल पुरानी पेंशन ही चाहिए। जो लोग कह रहे हैं यूपीएस ओपीएस के समकक्ष है तो फिर ओपीएस से परहेज क्यों?
ओपीएस में भी लास्ट बेसिक सेलरी का 50% तो दिया जाता है तो उसे स्वीकार कर ले। 20 साल की नौकरी में पूरी पेंशन मिलने लगती है फिर इसमें 25 वर्ष क्यों रखा गया?
एनएमओपीएस के राष्ट्रीय सचिव व प्रदेश महामंत्री अटेवा डॉ0 नीरजपति त्रिपाठी ने कहा कि हमें इधर-उधर की बातों मे न उलझाया जाए बल्कि पुरानी पेंशन व्यवस्था को यथाशीघ्र बहाल किया जाना चाहिए। पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्ष यथावत जारी रहेगा।
एनएमओपीएस के राष्ट्रीय प्रवक्ता व प्रदेश मीडिया प्रभारी अटेवा ने कहा कि देश का शिक्षक व कर्मचारी अब एकजुट हो गया। शिक्षकों व कर्मचारियों की एकजुटता को देखते हुए सरकार ने एनपीएस को यूपीएस में बदलने का निर्णय लिया। अगर देश का शिक्षक व कर्मचारी इसी प्रकार एकजुट रहा तो सरकार अतिशीघ्र पुरानी पेंशन बहाल करने का भी निर्णय लेगी।