समाज कल्याण विभाग के संविदा कर्मियों ने आंदोलन की समीक्षा


🟣 जूम बैठक में जुड़े 300 से अधिक शिक्षक

🟢 विभागकी ताना शाही से शिक्षक आर पार के मूड में

अजय सिंह
लखनऊ। समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग के संविदा शिक्षक 16 अगस्त से विभाग की नीतियों के खिलाफ काली पट्टी बांध कर विरोध प्रकट कर रहे हैं।

संविदा शिक्षकोंको हर साल नवीनीकरण के नाम पर परेशान किया जाता है। संविदा शिक्षकों के लिए परीक्षा परिणाम की बाध्यता रखी गई है। 50% से कम परीक्षा परिणाम वाले शिक्षकों को विभाग नकारा घोषित कर संविदा से हटाने की फिराक में है ,जबकि नियमित शिक्षक का परिणाम 10% भी नहीं होता है फिर भी उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती है।

जूम बैठक में सभी 18 मंडलों के एटीएस स्कूलों के संविदा शिक्षकों ने जोश ख़रोश के साथ हिस्सा लिया। शिक्षकों का कहना है कि समाज कल्याण निदेशालय में एक संविदा शिक्षक को संबद्ध किया गया है जिसके माध्यम से जनपदों के शिक्षकों का शोषण कराया जा रहा है।

संविदा शिक्षकों ने बिना शर्त नवीनीकरण कराए जाने, संविदा से बाहर चल रहे चार शिक्षकोंको वापस वापस लिए जाने, जनजाति विकास विभाग में मनमाने तरीके से चार शिक्षकों को संविदा राशि में संशोधन का लाभ नहीं दिए जाने, स्कूलों के प्रधानाचार्य एवं जिला समाज कल्याण अधिकारियों द्वारा शिक्षकों के खिलाफ रिपोर्ट भेजकर शिक्षक की मनमाने ढंग से वेतन कटौती कराई जाने एवं नवीनीकरण रोके जाने ,चिकित्सीय सुविधा दिए जाने, महिलाओं के लिए चाइल्ड केयर लीव दिए जाने स्कूलों की दशा में सुधार किए जाने, प्रधानाचार्यों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए, आंदोलन शुरू किया है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने अवगत कराया है कि शिक्षकों के साथ जूम मीटिंग में वह स्वयं जुड़े हुए थे।

शिक्षक विभागकी तानाशाही से परेशान हैं। शिक्षकों का नवीनीकरणi मई में हो जाना हो जाना चाहिए था, परंतु अगस्त बीतने को है और अभी तक नवीनीकरण नहीं हुआ है। जिसके कारण शिक्षकों को 2 महीने से वेतन नहीं मिल रहाहै।

यह साफ संकेत है की नवीनीकरण में कुचक्र चल रहा है। शिक्षक बहुत नाराज है। उनका है जोश चरम पर है। इस बार शिक्षक आर पार की लड़ाई के मूड में है। उन्होंने समाज कल्याण मंत्री जी से इस प्रकरण में हस्तक्षेप करने की मांग भी किया है।

26 अगस्त तक समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो 27 अगस्त को समाज कल्याण निदेशालय पर धरना प्रदर्शन होगा एवं 25 अक्टूबर को समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के सभी घटक मिलकर विधानसभा पर धरना प्रदर्शन करेंगे।

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