प्रदेश में रबी-2024 के लिए रणनीति तैयार, राज्य स्तरीय गोष्ठी का आयोजन


लखनऊ। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, गोमतीनगर के मार्स ऑडिटोरियम में राज्य स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी-2024 का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी की अध्यक्षता कृषि उत्पादन आयुक्त ने की, जबकि कार्यक्रम में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही मुख्य अतिथि रहे।

उद्यान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह और कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। साथ ही, मंडलायुक्त लखनऊ, कैप्टन विकास गुप्ता, बीज विकास निगम, उद्यान विभाग, पशुपालन विभाग सहित कई विभागों के प्रमुख अधिकारी भी इस महत्वपूर्ण गोष्ठी में शामिल हुए।

इस अवसर पर लखनऊ मंडल की मंडलीय गोष्ठी का भी आयोजन किया गया, जिसमें लखनऊ, सीतापुर, रायबरेली, उन्नाव और हरदोई के मुख्य विकास अधिकारियों ने अपने-अपने जिलों की रबी-2024 के लिए बनाई गई रणनीति पर चर्चा की। कार्यक्रम में विभिन्न जिलों से आए लगभग 600 किसानों ने प्रतिभाग किया।

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि 05 अक्टूबर को प्रधानमंत्री द्वारा किसान सम्मान निधि की 18वीं किस्त जारी की जाएगी। साथ ही, जनपदीय अधिकारियों से सुनिश्चित करने को कहा गया कि अनुदान पर मिलने वाले यंत्रों पर प्रदेश सरकार का लोगो और संबंधित किसान का नाम अंकित हो। उन्होंने किसानों से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और रासायनिक उर्वरकों का कम से कम उपयोग करने का अनुरोध किया। फसल बीमा कंपनियों को भी निर्देश दिए गए कि वे क्रॉप कटिंग के तुरंत बाद फसल की क्षति पूर्ति सुनिश्चित करें।

उद्यान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने प्रदेश के प्रगतिशील किसानों से अपील की कि वे अपने गांव या ब्लॉक स्तर पर अन्य किसानों के साथ अपनी तकनीकी ज्ञान साझा करें और उन्हें नवीनतम तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित करें।

कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस गर्ग ने अपने संबोधन में किसानों तक नवीनतम तकनीकी जानकारी सही तरीके से पहुंचाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 7634 कृषि सखियों को प्रशिक्षित किया गया है, जो कृषि, उद्यान, रेशम एवं भू-गर्भ जल विभागों के साथ समन्वय कर किसानों तक योजनाओं को पहुंचाने में मदद कर रही हैं। इसके माध्यम से किसानों को अतिरिक्त आय अर्जित करने का अवसर भी मिल रहा है।

कृषि निदेशक ने गोष्ठी की शुरुआत में सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और प्रदेश की रबी-2024 के लिए बनाई गई रणनीति पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि प्रदेश में बीज और खाद की पर्याप्त व्यवस्था कर दी गई है, जिससे किसानों को बुवाई के समय किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके साथ ही, अधिकारियों को पराली प्रबंधन के लिए किसानों को जागरूक करने और पराली में आग की घटनाओं से सजग रहने के निर्देश दिए गए।

गोष्ठी के तकनीकी सत्र में कृषि विश्वविद्यालयों, केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान और राष्ट्रीय दलहन अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने किसानों को गेहूं, जौ, सब्जी और प्राकृतिक खेती पर विस्तृत जानकारी दी।

news portal development company in india
marketmystique