🟠 31 सदस्यीय कमेटी का गठन. लक्ष्मी देवी प्रदेश अध्यक्ष, अंजू कटियार प्रदेश सचिव चुनी गई
🟡 परमानेंट करने तक लड़ाई जारी रहेगी -शशि यादव
लखनऊ। उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन संबद्ध ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन (ऐक्टू) का पहला राज्य सम्मेलन नेहरू युवा केंद्र लखनऊ में संपन्न हुआ.
सम्मेलन के दौरान योगी सरकार वादा निभाओ, वादा अनुसार मानदेय बढ़ाओ,आज करो अर्जेंट करो हमको परमानेंट करो, 2000 में दम नहीं 21000 से कम नहीं, आशा व आशा संगिनीयों को स्थाई करो, आशाओं का शोषण बंद करो योगी मोदी होश में आओ, यौन हिंसा को रोकने के लिए महिला सेल का गठन करो, आशाओं को ईएसआई का लाभ दो, 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा, 50 लाख का जीवन बीमा की गारंटी करो इत्यादि नारे लगे।
राज्य सम्मेलन का उद्धाटन करते हुए स्कीम वर्कर्स की राष्ट्रीय महासचिव व बिहार विधान परिषद सदस्य कॉमरेड शशि यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने खुद आशा का 6700+ अन्य कार्यों की प्रोत्साहन राशि व संगिनी बहनों का 11000 + अन्य सेवाओं की प्रोत्साहन राशि देने की बात कही लेकिन यह भी अभी तक सरकारी जुमला ही बना हुआ है।
उन्होंने ने कहा कि आशा समाजसेविका नहीं कर्मचारी है जिसकी मान्यता श्रम सम्मेलन से मिली है।इनको न्यूनतम वेतनमान व पीएफ, ईएसआई, पेंशन का लाभ दिया जाना चाहिए। प्रदेश भर में आशा व आशा संगिनी का 4_6 माह तक संपूर्ण मानदेय बकाया रहता है , बहुत अल्प प्रोत्साहन राशि में रात दिन श्रम करने वाली आशा व आशा संगिनी भुखमरी की शिकार होती रहती हैं , किंतु उस अल्प अपमानजनक कथित मानदेय के भुगतान की चिंता न एन एच एम को रहती है और न सरकार को।
मुख्य अतिथि भाकपा माले के राज्य सचिव कॉमरेड सुधाकर यादव ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी योगी सरकार महिलाओं के विकास का नगाड़ा पीट रही है लेकिन सच्चाई इसके उलट है। बार-बार ध्यान आकर्षित करने के बावजूद सरकार न्यूनतम वेतन के प्रश्न को सुनने को तैयार नहीं है और ना ही भविष्य निधि, ग्रेच्युटी , किसी भी तरह की सामाजिक सुरक्षा, वार्षिक अवकाश,मातृत्व अवकाश को भी देने के लिए तैयार है।
ऐक्टू के प्रदेश अध्यक्ष विजय विद्रोही ने कहा कि सरकार में चुनावी वर्ष में समारोह पूर्वक आशा कर्मियों को बाहर कहकर मोबाइल भेंट किए थे अब उन्हें कचरा मोबाइल से कार्य का डाटा फिट करने आयुष्मान कार्ड बनाने का फरमान जारी किया है। डाटा उधार, 2G नेटवर्क, दूरदराज ग्रामीण जीवन में नेटवर्क शंकट, उस पर 1 घंटे की ट्रेनिंग पर कंप्यूटर ऑपरेटर का कार्य करने के दबाव बनाया जाता है जो कत्तई उचित नहीं है।
उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन की मंडल संयोजक रेखा मौर्य ने कहा कि अल्प मानदेय में रात दिन श्रम करने वाली आशा व आशा संगिनी भुखमरी की शिकार हैं और कई- कई माह की प्रोत्साहन राशि बकाया है । इसके अलावा भी वर्षों से दस्तक व आयुष्मान कार्ड बनाने जैसे कार्यों में अलग से समकालीन कार्यों में किए गए नियोजनों की कोई प्रोत्साहन राशि आज तक भुगतान नहीं की गई ।
ऐक्टू के प्रदेश सचिव अनिल वर्मा ने कहा कि पूरे प्रदेश में आशा व आशा संगिनी यौन उत्पीड़न का शिकार होती रहती हैं। जिसकी रोक व शिकायत के लिए किसी ऐसे पटल की व्यवस्था नहीं है जिसमें निःसंकोच शिकायत पर त्वरित न्याय पाया जा सके, जबकि इस तरह का अपमानजनक स्थितियों से आए दिन कहीं ना कहीं आशा व आशा संगिनी को गुजरना पड़ता है।
अस्पतालों में आशा विश्राम घर या तो है नहीं और अगर कहीं है तो उनको कबाड़ रखने में प्रयोग किया जा रहा है। अस्पतालों में मरीजों से भी लूट का खसोटखुलेआम जारी है। विरोध करने पर आशा ही उनके कोप का शिकार बनती है। आए दिन आशा कर्मियों के साथ चिकित्सक, स्टाफ कर्मियों द्वारा मारपीट की घटनाओं के मूल में यही अवैध उगाही है।
उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष
लक्ष्मी ने कहा कि सरकार महिलाओं की बेहतरी के लिए बड़ी-बड़ी योजनाएं लाने की बात कर रही है लेकिन आशा कर्मचारियों की न्यूनतम राशि भी सरकार देने को तैयार नहीं है। महिला विरोधी कर्मचारी विरोधी भाजपा सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
सम्मेलन के दूसरे सत्र में निवर्तमान राज्य सचिव राना सिंह ने रिपोर्ट पढ़ी। जिस पर चर्चा हुई। सम्मेलन से सदस्यीय कार्यकारिणी चुनी गई ,जिसने लक्ष्मी देवी अध्यक्ष, रेखा मौर्या, संगीता, आशा कुशवाहा उपाध्यक्ष, अंजू कटियार सचिव, निर्मला, निर्मला देवी, गीता गोंड, जय श्री संगठन सचिव, संगीता प्रचार सचिव, जौली वैश्य, रेखा उपसचिव चुनी गई.
सम्मेलन को इन्कलाबी नौजवान सभा (आरवाईए के राज्य सचिव सुनील मौर्य, आइसा के प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष कुमार ने संबोधित किया. संचालन जयश्री ने किया.