राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मुख्यमंत्री के ईमेल पर भेजा पत्र


🟣 कर्मचारी कल्याण बोर्ड के गठन की मांग किया

लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के आधिकारिक ईमेल आईडी पर एक पत्र भेज कर राज्य कर्मचारियों केलिए “कर्मचारी कल्याण बोर्ड” गठित करने की मांग किया है।

उन्होंने कहा है कि कर्मचारियों की न्यायोचित मांगे सदन तक नहीं पहुंच पाती है। कर्मचारी संगठनों के ज्ञापनों को अधिकारी बहुत हल्के में लेते हैं । कर्मचारियों के लिए कोई राजनीतिक प्लेटफॉर्म नहीं है जिसके माध्यम से वह अपनी बात मुख्यमंत्री, सदन तक पंहुचा सके।

शिक्षकों के लिए एमएलसी क्षेत्र आवंटित किए गए हैं जिसके माध्यम से उनका पूरा प्रतिनिधित्व सदन में हो रहा है ,लेकिन प्रदेश में 11 लाख राज्य कर्मचारी साढे चार लाख शिक्षणेत्र कर्मचारी कार्य कर रहे हैं इनका प्रतिनिधित्व सदन में नहीं है जिसके कारण कर्मचारियों की बात सुनी नहीं जाती। समाज के विभिन्न वर्गों की समस्याओं के निस्तारण के लिए सरकार ने बोर्ड का गठन किया हुआ है।

पिछड़ा वर्ग आयोग, अनुसूचित जाति आयोग ,जनजाति आयोग, महिला आयोग,यहां तक की किन्नर कल्याण बोर्ड का भी गठन सरकार ने किया है लेकिन कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार ने कोई संवैधानिक संस्था नहीं बनाई है।

जे एन तिवारी ने मुख्यमंत्री से अपील किया है कि प्रदेशमें एक “कर्मचारी कल्याण बोर्ड” गठित किया जाए जिसमें उपाध्यक्ष के रूप में कर्मचारी प्रतिनिधि को मनोनीत किया जाए ताकि कर्मचारियों की समस्याएं मुख्य मंत्री एवं सदन तक आसानी से पहुंच सकें एवम् ढंग से सुनी जा सके। जे एन तिवारी ने कर्मचारियों को राजनैतिक अधिकार देने की मांग भी किया है।

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