राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के तत्वाधान में संविदा शिक्षकों ने किया प्रदर्शन


👉 समाज कल्याण, जनजाति निदेशालय पर प्रदर्शन करके भेजा ज्ञापन

👉 संविदा शिक्षक नवीनीकरण से 50% परिणाम की बाध्यता हटाने के लिए कर रहे है आंदोलन

अजय सिंह
लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के बैनर तले समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग में कार्यरत संविदा शिक्षकों ने समाज कल्याण निदेशालय एवं जनजाति निदेशालय पर प्रदर्शन कर अपना आक्रोश प्रदर्शित किया।

प्रदर्शन का नेतृत्व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने किया। समाज कल्याण निदेशालय पर उपनिदेशक मुख्यालय जे राम ने
ज्ञापन लिया। निदेशक समाज कल्याण ने संयुक्त परिषद के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता भी किया। जनजाति निदेशालय में अरुणा शुक्ला के नेतृत्व में पांच शिक्षकों ने उपनिदेशक प्रियंका वर्मा को ज्ञापन देकर विस्तृत वार्ता किया।

संयुक्त परिषद से संबद्ध संगठनों के पदाधिकारियों ने प्रदर्शन मे प्रतिभाग कर समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग के शिक्षकों की हौसला अफजाई किया। संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने प्रदर्शन के बाद एक प्रेस विज्ञप्ति में अवगत कराया कि समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग के संविदा शिक्षक अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।

उन्होंने अवगत कराया की संविदा नवीनीकरण मे 50% औसत अंक की बाध्यता समाप्त किए जाने, जनजाति विकास विभाग के पांच संविदा शिक्षकों को B.Ed न होने के कारण संविदा राशि में संशोधन का लाभ नहीं दिए जाने, जबकि समाज कल्याण विभाग में नॉन बी एड शिक्षकों को संविदा राशि मे संशोधन का लाभ दिया जा रहा है।

गौरतलब है कि दोनों विभागों के प्रमुख सचिव एवं मंत्री एक ही है। फिर भी जनजाति विकास विभाग एवं समाज कल्याण विभाग में शिक्षकों के साथ भेदभाव हो रहा है। इस भेदभाव को लेकर शिक्षकों में नाराजगी है। इसके अलावा 2020 मे उमा देवी , अनु सिंह, नीलम चौधरी की संविदा समाप्त करते हए इनको नौकरी से अलग कर दिया गया था। कालांतर में समान परिस्थितियों मे नीलम चौधरी को 2022 में संविदा पर वापस लेते हुए एलटी ग्रेड मे संविदा पर ही पदोन्नति दे दी गई। जबकि सामान परिस्थितियों में, समान योग्यता धारक, उमा देवी एवं अनु सिंह को आज तक सेवा से बाहर रखा गया है। निदेशालय में शिक्षकों को संबद्ध कर उनसे लिपिक का कार्य लिया जा रहा है जबकि एक शिक्षक के वेतन में तीन संविदा लिपिक रखे जा सकते हैं। समाज कल्याण निदेशालय में नियमों के अनदेखी करके शिक्षकों की संबद्धता बनाए रखी गई है।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की महामंत्री श्रीमती अरुणा शुक्ला की संविदा जान बूझ कर रोक दी गई है जबकि प्रतिकूल प्रविष्टि वाले दर्जनों शिक्षकों का नवीनीकरण किया गया है। संविदा शिक्षक चिकित्सीय अवकाश, महिला संविदा कर्मियों के लिए चाइल्ड केयर लीव की मांग भीकर रहे हैं ।आज समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग के शिक्षकों ने 1090 से समाज कल्याण निदेशालय तक मार्च कर प्रदर्शन किया ।

संविदा शिक्षकों के प्रदर्शन में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के सैकड़ो पदाधिकारी सम्मिलित हुए। शिक्षकों ने दोपहर बाद जनजाति विकास विभाग कार्यालय पर भी प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया। प्रदर्शनकारी अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी भी कर रहे थे।

धरना प्रदर्शन में विभिन्न जनपदों के आश्रम पद्धति विद्यालयो के सैकड़ो शिक्षक प्रतिनिधियों के अलावा राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद से संबद्ध संगठन राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद इकाई शाखा नगरीय परिवहन, उत्तर प्रदेश, खाद्य रसद विभाग, आशा बहू ,चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग माध्यमिक शिक्षा सहित विभिन्न विभागों के सैकड़ो कर्मचारी भी उपस्थित थे।

प्रदर्शन मे मुख्य रूप से कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी, उपाध्यक्ष त्रिलोकी नाथ चौरसिया, प्रीति पांडे , नगरीय परिवहन संविदा कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष महेंद्र सिंह , महामंत्री गोविंद कुमार तिवारी, प्रदीप तिवारी, आशा हेल्थ वर्कर्स एसोसिएशन की महामंत्री सरला सिंह संयुक्त परिषद की महामंत्री अरुणा शुक्ला सहित दर्जनों कर्मचारी नेता प्रदर्शन मे संयुक्त परिषद के बैनर के साथ प्रदर्शन का का नेतृत्व कर रहे थे।

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